बिलासपुर: 10 फरवरी को पैतृक गांव पहुंचेगी शहीद अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह
बिंग हिमाचली न्यूज ब्यूरो बिलासपुर/शिल्पा शर्मा
छह जनवरी को अंकेश की बर्फीले तूफान में लापता होने की खबर मिलने के बाद से ही क्षेत्र के लोग उनके घर पर माता-पिता को सहारा देने पहुंच रहे थे। मंगलवार रात को शहादत की खबर मिलने के बाद से सैकड़ों लोग अंकेश के घर पहुंचे और उनके माता पिता को ढांढस बंधाया
फोटो अंकेश |
मंगलवार रात को शहादत की खबर मिलने के बाद से सैकड़ों लोग अंकेश के घर पहुंचे और उनके माता पिता को ढांढस बंधाया। बुधवार सुबह तक अंकेश के पिता इस सच को मानने के लिए तैयार नहीं थे कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। वे कह रहे थे कि उनका बेटा कोमा में है। वहीं, अंकेश की शहादत की खबर मिलते ही समूचे क्षेत्र के लोग शहीद के घर पहुंचे। शहीद सैनिक की 92 वर्षीय दादी को सुनाई नहीं देता है। दोपहर तक उन्हें अंकेश की शहादत की जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन उसके बाद जब उन्हें बताया गया तो उनके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। अपने बड़े भाई को अपना आदर्श मानने वाला छोटा भाई आकाश अब भी विश्वास नहीं कर पा रहा कि उसका भाई भारत माता की सेवा के लिए जान न्योछावर कर गया।
अंकेश की तस्वीर को सीने से लगाकर रोती रही मां
बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही अंकेश की मां कश्मीरी देवी बेटे की तस्वीर को हाथ में लेकर कभी उसे चूमती तो कभी सीने से लगाती। वह लगातार बेटे की तस्वीर पर नजरें बनाकर बैठी रहीं। आंसुओं के सैलाब में बेटे से बिछुड़ने का दुख बयान नहीं किया जा रहा। गांव की महिलाएं शहीद की मां को ढांढस बंधाती रहीं, लेकिन मां की जुबां पर अपने लाल के किस्सों, कहानियों के सिवा कुछ और नहीं था। एसडीएम घुमारवीं राजीव ठाकुर ने बताया कि शहीद अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह गुरुवार को घुमारवीं पहुंचेगी।
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