सरकार ने नियमों में किया बदलाव: हीमोफीलिया मरीजों को अब हर सप्ताह लगेंगे निशुल्क इंजेक्शन

 हीमोफीलिया आनुवंशिक बीमारी है। शरीर के बाहर बहता हुआ खून जमता नहीं है। खून को रोकने के लिए इंजेक्शन के माध्यम से क्लॉटिंग फैक्टर 8 और 9 दिया जाता है। यह इंजेक्शन खून को बहने से रोकता है।


हिमाचल प्रदेश में अब हीमोफीलिया मरीजों को हर सप्ताह निशुल्क इंजेक्शन लगेगा ताकि खून को बहने से पहले ही रोका जा सके। मरीजों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। अभी मरीजों को उस समय इंजेक्शन दिया जाता है, जब उसे चोट या दुर्घटना के समय खून बहना शुरू होता था। 

प्रदेश सरकार इस पर पांच करोड़ रुपये खर्च करेगी। वर्तमान में 158 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। जिला कांगड़ा में इस बीमारी के सबसे ज्यादा 38 मरीज हैं। प्रदेश सरकार ने अस्पतालों में इन मरीजों के लिए चार बिस्तर आरक्षित रखने का फैसला भी लिया है। जिला लाहौल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य जिलों में इस बीमारी के मरीज हैं। 

यह आनुवंशिक बीमारी है। शरीर के बाहर बहता हुआ खून जमता नहीं है। खून को रोकने के लिए इंजेक्शन के माध्यम से क्लॉटिंग फैक्टर 8 और 9 दिया जाता है। यह इंजेक्शन खून को बहने से रोकता है। इस इंजेक्शन की कीमत 6 हजार रुपये है लेकिन यह निशुल्क लगाया जाएगा। एनएचएम के निदेशक हेमराज बैरवा ने कहा कि सरकार ने नियमों में संशोधन किया है। अब मरीजों को हर सप्ताह यह इंजेक्शन लगाया जाएगा। 


किस जिले में कितने मरीज

कांगड़ा 38

मंडी 34

सोलन 24

शिमला 22

चंबा 10

सिरमौर 10

हमीरपुर 09

बिलासपुर 06

ऊना 05

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